Rahasyo ki Duniya पर आप लोगों का स्वागत हैं, आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक rahasya की  घटना के बारे  में। Assam में स्थित एक छोटा सा गावं, जिसे लोग Jatinga  के नाम से जानते हैं। इस जगह का रहस्य अभी भी अनसुलझा ही हैं। 

ऐसा ही एक Rahasya असम के एक बेहद ही सुंदर और छोटे से गांव जतिंगा का है। Jatinga असम के उत्तरी काछार पहाड़ी में स्थित एक बेहद ही सुंदर वैली है। यह क्षेत्र विशेष कर अपने नारंगी के बागों के लिए प्रसिद्ध है और लोग दूर-दूर से यहां घूमने आते हैं।

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Jatinga Valley:-

Assam में एक ऐसी जगह भी है जहां परिंदे आत्महत्या करते हैं और ये जगह जतिंगा नाम से जानी जाती है। पिछले 100 सालों से प्रत्येक वर्ष असम की छोटी सी जगह जतिंगा में आकर हजारों परिंदे आत्महत्या करते हैं। हालांकि, महज 2500 लोगों की आबादी वाले इस छोटे से शहर में प्रत्येक वर्ष परिंदों की मौत काफी विचित्र होने के साथ-साथ Rahasyamyi भी है। 

असम अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत के कारण सैलानियों के लिए प्रिय पर्यटन स्थल माना जाता है। दरअसल, सालों से यहां विभिन्न जातियां इस प्रदेश की पहाड़ियों और घाटियों में आकर बसीं और यहां की मिश्रित संस्कृति में अपना योगदान दिया। इस तरह असम में संस्कृति और सभ्यता की समृद्ध परंपरा और बढ़ गयी।

असम के बड़े और घने जंगल, चाय के बागान, स्वच्छ निर्मल ब्रह्मपुत्र नदी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।  उत्तर-पूर्व के राज्यों में असम एक ऐसा प्रदेश है जो शांति, संस्कृति और परंपरा जैसी खूबियों से परिपूर्ण है। यह भारत के शानदार टूरिस्ट स्टेट के रूप में भी चर्चित है। यहां का पर्यटन जितना खूबसूरत है वहीं रहस्यमयी और आश्चर्यजनक भी है।

क्या है Jatinga Valley का rahasya?

पक्षियों के इस तरह से आत्महत्या करने पर वैज्ञानिक अलग-अलग तर्क देते हैं, लेकिन इस घटना की  असली वजह का पता अभी तक नहीं लग पाया है.
कुछ लोग मानते हैं कि तेज हवाओं से पक्ष‌ियों का संतुलन ब‌िगड़ जाता है और वह आसपास मौजूद पेडों से टकराकर मर जाते हैं. मरने वाले पक्षियों में स्थानीय और प्रवासी चिड़ियों की लगभग 40 प्रजातियां शामिल हैं.
चाहे जो भी बात हो लेक‌िन अभी भी Jatinga Valley में हो रही पक्ष‌ियों की आत्म हत्या, दुन‌िया भर में रहस्य बनी हुई हैं.
जतिंगा वैली में पक्ष‌ियों के आत्महत्या का रहस्य क्या है इस बात को लेकर स्थानीय लोगों में कई तरह की बातें प्रचलित है. स्थानीय लोगों का मानना है कि यह भूत-प्रेत और अदृश्य ताकतों का काम है.

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दक्षिणी Assam के जिले Dimo Haso की पहाड़ी घाटी में Jatinga एक ऐसा गांव स्थित है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के चलते वर्ष में लगभग 9 महीने तक पर्यटकों की दुनिया से अलग रहता है। लेकिन Sept. महीने की शुरुआत होने से ही यह गांव खबरों की सुर्खियों का आकर्षण बन जाता है। इसका कारण है यहां होने वाली पक्षियों की आत्महत्या की रहस्यमयी घटना हैं।


Jatinga Valley में नाइट एंट्री है बैन:-

दरअसल, अक्टूबर से नवंबर तक कृष्णपक्ष की रातों में यहां ‘पक्षी-हराकिरी’ का अजीबोगरीब वाकया होता है। शाम सात बजे से लेकर रात के दस-साढ़े दस बजे के बीच अगर आसमान में धुंध छा जाए, हवा की रफ्तार तेज हो जाए और कहीं से कोई रोशनी कर दे तो चिड़ियों की खैर नहीं। उनके झुंड कीट-पतंगों की तरह बदहवास होकर रोशनी के स्त्रोत पर गिरने लगते हैं। आत्महत्या की इस दौड़ में स्थानीय और प्रवासी चिड़ियों की 40 प्रजातियां शामिल रहती हैं। कहा जाता है कि यहां बाहरी अप्रवासी पक्षी जाने के बाद वापस नहीं आते। इस वैली में रात में एंट्री पर प्रतिबंध है।

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Jatinga Valley का सच क्या है?

दरअसल Assam  के बोरैल हिल्स में स्थित है। जहां उचाई बहुत ज्यादा होने के साथ साथ यहां बारिश भी बहुत अधिक होती हैं ज्यादा उचाई पर होने के कारण तथा पहाड़ों से घिरे होने के कारण धुंध और बादल यहां हमेशा बने रहते हैं।
Scientist के अनुसार गहरी घाटी में बसे होने की वजह से  जातिंगा  में तेज बारिश के दौरान जब पक्षी यहां से उड़ने की कोशिश करते हैं तो वह पूरी तरह से भीग जाते हैं  और उनका शरीर वजनी हो जाता है, ऐसे में प्राकृतिक रूप से उनके उड़ने की क्षमता खत्म हो जाती है। क्योकि यहां बांस के बेहद घने और कटीले जंगल हैं, ऐसे में गहरी धुंध और अंधेरी रातों के दौरान पक्षी इनसे टकराकर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं और अपनी जान गवां देते हैं। जहां तक तय समय की बात है तो पक्षी शाम के इस समय अपने घरों को लौटने की कोशिश करते हैं ऐसे में इस वक्त ज्यादा दुर्घटनाये होती हैं।

जानवर खुदकुशी नहीं करते:-

Italy की कैग्लियारी यूनिवर्सिटी के एंतोनियो प्रेती बताते हैं कि जानवरों के खुदकुशी करने का खयाल करना ही गलत है। उन्होंने पिछले 40 वर्षो में पक्षियों के आत्महत्या करने की 1000 से भी ज्यादा रिसर्च को पढ़ा है। प्रेती अब इस नतीजे पर पहुंचे चुके हैं कि जानवर चाह कर अपनी जान नहीं गवाते। ध्रुवों पर पाए जाने वाले चूहों जैसे जानवर, लेमिंग्स, एक साथ झुंड में जाकर खाई में गिर जाते हैं। Scientist बताते है कि वो गलती से खाई में गिर जाते हैं और मर जाते हैं। जनसंख्या इतनी अधिक होती है कि लेमिंग्स हजारों की तादाद में एक साथ ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं। इसी स्थान गमन के कारन उनमें से बहुतों की मौत हो जाती है। वहीं American Expert बारबरा किंग कहती हैं कि अभी हम जानवरों के दिमाग को ठीक से समझ नहीं पाए हैं। इस सवाल का जवाब देना मुश्किल है।

कैसे जाएं:-

Jatingaगुवाहाटी से 330 किमी दूरी पर स्थित है। Guwahati से हाफलोंग के लिए ट्रैन , बस दोनों सुविधाएं उपलब्ध है। यहां रुक कर आप यहाँ के नजारे खुद अपनी आँखों से देख सकते हैं।
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